Navratri 2022 – नवरात्री में क्या करें और क्या नहीं

Navratri 2022

Navratri 2022 गुरूवार के दिन 26 सितम्बर 2022 से प्रारम्भ होगी और शुक्रवार के दिन 15 अक्टूबर को समाप्त हो जाएगी । इस पोस्ट में आप जानेंगे कि Navratri 2022 में क्या करना चाहिए और क्या नहीं । शारदीय नवरात्र हिन्दू धर्म में एक बहुत ही महत्वपूर्ण व्रत होता है । इसमें 9 दिनों तक देवी की आराधना की जाती है और दसवें दिन विजय दसवीं के दिन देवी का विसर्जन किया जाता है ।

Navratri 2022 में देवी के भक्तों को कुछ आवश्यक बातें ध्यान में रखनी चाहिए जिससे माता की उनपर कृपा बानी रहे । पूरे भारत देश में navratri का festival ( त्यौहार ) बड़े धूम धाम से मनाया जाता है । Indian Village ( भारतीय गाँवों ) में यह देखा जाता है कि navratri में लोग सुबह 3 से 4 बजे के बीच ही जाग जाते हैं और नाहा धोकर माता की पूजा करने के लिए घर से काफी दूर माता के मंदिर तक नंगे पैर ही चलकर जाते हैं । Navratri 2022 में भी ऐसा ही देखने को मिल रहा है, श्रद्धालु बड़े उत्साह के साथ अपनी मनोकामना की पूर्ती के लिए देवी की आरधना में जुटे हुए हैं ।

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Navratri क्यों मनाते हैं

नवरात्री का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है । विजय दशवीं के दिन प्रभु श्री राम ने रावण का वध किया था । नवरात्री से जुड़ी एक और पौराणिक कथा है जिसमें एक दानव महिषासुर का देवी ने विनाश किया था । महिषासुर ने शिव जी की तपस्या करके यह वरदान प्राप्त किया कि उसे कोई भी नर, नारी या दानव नहीं मार सकेगा । वरदान प्राप्त करके महिषासुर ने तीनो लोकों में आतंक मचा दिया था । तब देवी माँ ने महिषासुर का वध किया था और इसलिए नवरात्री को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है ।

Navratri 2022 में कौन सी देवी की पूजा करें ।

Navratri 2022 में पहले दिन जिन देवी की पूजा करनी चाहिए वह हैं शैलपुत्री देवी । शैलपुत्री देवी माँ पारवती का अवतार हैं । शैलपुत्री देवी अपने दाएं हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल का फूल धारण करती हैं । शैलपुत्री देवी को सुद्ध घी से बने पकवानों का भोग लगाने से आपके जीवन में समस्त सुख और समृद्धि का आगमन होता है । शैलपुत्री देवी को red color ( लाल रंग ) बहुत पसंद होता है और लाल रंग की वस्तुएं भेंट करने से ये बड़ी जल्दी प्रसन्न हो जाती हैं । अगर आप स्वस्थ सम्बन्धी दिक्कतों का सामना कर रहे हैं तो आपको शैलपुत्री देवी की पूजा करने से स्वास्थ सम्बन्धी दिक्कतों से छुटकारा मिलेगा ।

दूसरे दिन Navratri 2022 में माता ब्रह्मचारिणी की पूजा करनी चाहिए । माता ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से आपकी आयु बढ़ती है और अकाल मृत्यु से आपकी रक्षा होती है । माता ब्रह्मचारिणी को blue colour ( नीला रंग ) बहुत पसंद है । अगर आप नीले रंग की वस्तुएं और दूध से बनी चीजों को अर्पण करेंगे तो माता ब्रह्मचारिणी अति शीघ्र ही प्रसन्न होंगी । माता ब्रह्मचारिणी की कृपा से आपका स्वस्थ अच्छा रहेगा और सभी प्रकार के सुखों का आपके घर में आगमन होगा ।

तीसरे दिन माता चंद्रघटा की पूजा करनी चाहिए । माता चंद्रघटा की पूजा करने से अपने वैवाहिक सम्बन्ध ठीक होंगे और सुख, समृद्धि एवं सौभाग्य आपको प्रपात होगा ।

Navratri 2022 के चौथे दिन आपको माता कुष्मांडा की पूजा करनी चाहिए । माता की पूजा करने से आपका confidence level ( आत्मविश्वास ) बढ़ेगा । माल पुए का भोग लगाने से माता अधिक जल्दी प्रसन्न होंगी ।

पांचवे दिन माता स्कंदमाता की पूजा करनी चाहिए । माता स्कंदमाता की पूजा करने से आपकी संतान का स्वस्थ अच्छा रहेगा और उनके जीवन में सुख, समृद्धि और सौभाग्य बढ़ेगा । माता स्कंदमाता को केले का भोग लगाएं ।

Navratri 2022 के छटवें दिन माता कात्यायनी की पूजा करनी चाहिए । माता कात्यायनी की पूजा करने से आप साहसी बनेगे । माता कात्यायनी की कृपा से आपका व्यक्तित्व आकर्षक बनेगा और आपका सौंदर्य बढ़ेगा ।

सातवें दिन माता कालरात्रि की पूजा करनी चाहिए । माता कालरात्रि को गुड़ का भोग लगानेसे शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है ।

आठवें दिन हमें माता महागौरी की पूजा करनी चाहिए । माता महागौरी को नारियल अर्पित करने से आपके बच्चों की बुद्धि में विकाश होगा और उन्हें जीवन में सफलता मिलेगी । इस दिन माता को सुहाग और श्रृंगार की सामग्री अर्पित करने से जीवन में आर्थिक कष्टों से आपको निजात मिलेगी ।

Navratri 2022 के नौवें दिन माता सिद्धरात्रि की पूजा करनी चाइए । माता सिद्धरात्रि की पूजा करने से आपको बुद्धि की प्राप्ति होती है और जीवन में सफलता मिलेगी । माता सिद्धरात्रि की आराधना करके किसी भी मंत्र को सिद्ध किया जा सकता है । इस दिन सब का कल्याण करने वाले मंत्रों को ही सिद्ध करना चाहिए ।

Navratri 2022 में क्या खाएं और क्या नहीं

के नौ दिनों में प्याज और लहसुन नहीं खाना चाहिए । प्याज और लहसुन तामसिक भोजन कहलाते हैं । नवरात्री में हमें सात्विक भोजन, फल, दूध से बने पकवानों का अधिक से अधिक सेवन करना चाहिए ।

हल्का और सेहतमंद भोजन ही नवरात्री में खाना चाहिए जो ना ज्यादा मीठा, ना ज्यादा तीखा और ना ही ज्यादा खट्टा होना चाहिए । हरी सब्जियां, फल, fruit chat, आलू, अरबी, खीरा, टमाटर, लौकी,कद्दू, रायता इत्यादि का सेवन करना चाहिए । घर में खुद का पनीर बनाना अधिक उचित है । साबूदाने की खिचड़ी और लड्डू नवरात्री व्रत के प्रमुख भोजन हैं ।

नवरात्री में तामसिक भोजनों का सेवन बिलकुल भी नहीं करना चाहिए । तामसिक भोजन अत्यधिक उत्तेजना बढ़ाने वाले होते हैं और माता रानी की पूजा करने में विघ्न उत्त्पन्न कर देते हैं । प्याज और लहसुन भी तामसिक भोजन के अंतर्गत ही आते हैं । यूँ तो प्याज लहसुन सब्जी जैसे ही दिखते हैं लेकिन ये राहु और केतु से उत्त्पन्न हुए हैं । दरअसल जब राक्षस राहु और केतु का सर कटा तो जिधर राहु के रक्त की बूदें गिरीं वहां से प्याज उगी और जहाँ केतु के रक्त की बूँदें गिरीं वहां से लहसुन की उत्पत्ति हुयी । इसलिए हमें नवरात्री में प्याज और लहसुन नहीं खाना चाहिए ।

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