एक ऐसा गाँव जहाँ किसी की मृत्यु नहीं होती। ज्ञानगंज मठ

दुनिया में ऐसे कई रहस्य छुपे हुए हैं जिन्हें हम नहीं जानते अगर हम जानते भी हैं तो उन तक पहुंच पाना हमारे लिए मुमकिन नहीं है। वैसे तो हमारी दुनिया में कई रहस्य मौजूद है जिन्हें सुलझा पाना वैज्ञानिकों के लिए भी एक पहेली बन चुकी है। तो आज हम बात करने वाले हैं हमारी दुनिया में मौजूद एक ऐसे ही छुपे हुए रहस्य की जोकि हिमालय की बादी में मौजूद है। वैसे तो हिमालय में ऐसे कई राज दफन है जिसकी पुष्टि हम अथवा वैज्ञानिक भी आज तक नहीं कर पाए हैं।

ज्ञानगंज मठ

आज हम बात करते हैं हिमालय से जुड़ी एक ऐसे रहस्य की जिसे आपने आज तक नहीं सुना होगा जिसके सामने वैज्ञानिकों ने भी अपने घुटने टेक दिए जिसका नाम है ज्ञानगंज मठ हिमालय में छुपी हुई एक ऐसी जगह जिसे ज्ञानगंज मठ कहा जाता है जिस जगह पर संत महात्मा लोग ही जा सकते हैं यह हिमालय में छुपा हुआ एक ऐसा मठ है जहां लोगों का मानना है कि यहां पर लोग अमर रहते हैं ऐसा कहा जाता है कि यहां पर जाने वाले लोग अमर हो जाते हैं जिनका भाग पहले से ही तय होता है और उनकी कभी मृत्यु नहीं होती है।

तिब्बत में यह मठ बहुत ही मशहूर एवं प्रसिद्ध है ऐसा माना जाता है कि यहां जो भी संत ऋषि लोग रहते हैं वह तपस्या में लीन रहते हैं। महाभारत में भी इस जगह का जिक्र वाल्मीकि द्वारा किया गया था और इसे उन ग्रंथों में सिद्ध आश्रम कहा गया है। अगर हम बात करें बौद्ध धर्म की तो बुद्धिस्ट ऐसा मानते हैं कि भगवान बुद्ध ने अपने आखिरी समय में इस मठ पर आकर तपस्या की थी और उन्होंने कई लोगों तक यह बात भी पहुंचाई थी अथवा कई लोगों को भी बताया जिनमें से एक राजा थे जिनका नाम था शिवचंद्र।

राजा जब यहां से ज्ञान प्राप्त करके अपने राज्य वापस लौट गए तब से इस मठ का नाम संभाला भी पड़ा जिसका स्रोत होता है खुशियों का भंडार। बहुत सारे लोग इस आध्यात्मिक शक्ति के स्रोत के केंद्र में जाने का प्रयास भी करते हैं परंतु यहां पर जाने का रास्ता बहुत ही कथन एवं गुप्त भी है जहां पर पहुंचना किसी आम व्यक्ति के लिए नामुमकिन है क्योंकि वहां का रास्ता किसी को भी समझ नहीं आता यहां तक की वैज्ञानिकों के लिए भी अभी तक यहां का रास्ता पता कर पाना नामुमकिन ही साबित हुआ है। यदि इसके रास्ते को सेटेलाइट से भी देखा जाए तब भी वहां यह स्थान नजर नहीं आता है।

ज्ञानगंज में रहने वाले ऋषि-मुनि अमर क्यों हैं

ज्ञानगंज में रहने वाले ऋषि-मुनियों संत के अमर रहने पर वैज्ञानिकों का जो तर्क है वह भी कुछ इस प्रकार है की एक निश्चित आयु के बाद हर प्राणी की मौत हो जाती है और यदि किसी भी प्राणी के शरीर में सेल्स और ऑर्गन बढ़ते रहे यानी कि वह कभी खत्म ही ना हो तो किसी प्राणी की उम्र 1000 साल क्या 5000 साल भी हो सकती है।

ना केवल आयुर्वेद बल्कि वैज्ञानिक भी ऐसा मानते हैं कि ज्ञानगंज में रहने वाले ऋषि मुनि तपस्या में इतने लीन रहते हैं कि जिस कारण वह योग विद्या में निपुण रहते हैं जिसकी वजह से वह अपनी भावनाओं को कंट्रोल कर सकते हैं और हम इंसान लोग ऐसा नहीं कर सकते हैं हम अपनी भावनाओं को कंट्रोल नहीं कर पाते हैं। इंसान का किसी भी चीज पर किसी भी प्रकार का कोई भी कंट्रोल नहीं है। ना तो उसका मौत पर बस चलता है।

लोगों का ऐसा भी मानना है कि यह जगह किसी खास धर्म से संबंधित नहीं है यहां पर किसी भी धर्म के संत ऋषि मुनि जा सकते हैं और वहां जाकर तपस्या करते हैं और अपनी आयु की सीमा को बरकरार रखते हैं।

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