ठण्ड में नहीं नहाने वालों के साथ क्या होता है

ठण्ड में नहीं नहाने वालों के साथ क्या होता है

दोस्तों , सुबह नहाने से व्यक्ति सारे पापों से मुक्त हो जाता है । ब्रह्मा जी गरुड़ पुराण में बताते हैं कि जब रात को व्यक्ति सोता है तब उसका शरीर अपवित्र हो जाता है और यही कारण है कि उसे सुबह उठकर सबसे पहले नहाने की जरूरत है ।

अगर कोई व्यक्ति नहाने के लिए तैयार नहीं होता और पूजा पाठ के लिए तैयार हो जाता है तो ब्रह्मा जी बताते हैं कि ऐसे व्यक्ति को पूजा करने का लाभ प्राप्त नहीं होता । और यहाँ तक कि अगर कोई बिना नहाये पूजा करता है तो वह पापी माना जाता है ।

ब्रह्मा जी कहते हैं कि सूर्योदय से पहले नहाने को उत्तम माना गया है । ब्रह्मा जी कहते हैं कि सूर्योदय से पहले नहाने वाले व्यक्ति का दिन मंगल गुजरता है और जो ऐसा नहीं करता उसका दिन ठीक नहीं गुजरने की गुंजाइश है ।

गरुड़ पुराण के अनुसार शुद्धि दो प्रकार की होती है । मिट्टी, जल तथा साबुन से स्नान करके शरीर को सुद्ध करके जो शरीर की शुद्धि की जाती है उसे बाहर की शुद्धि कहा जाता है । वहीँ पर दूसरी शुद्धि है हमारे भावों की शुद्धि । गरुड़ पुराण में सुबह स्नान करने की बड़ी ही महिमा बताई गयी है ।

सुबह स्नान करने वालों के पाप दूर हो जाते हैं

सुबह स्नान करने वालों के पाप दूर हो जाते हैं । गरुड़ पुराण में बताया गया है कि मनदेह राक्षस सूर्य देव को खाने के लिए लालहित रहते हैं लेकिन मनुष्य सुबह उठकर स्नान करने के बाद जब पूजा पाठ करता है तब यह राक्षस खत्म हो जाते हैं ।

गरुड़ पुराण के अनुसार सुबह स्नान करने से लौकिक और पारलौकिक दोनों लाभ मिलते हैं । गलत विचारों से होने वाले पाप धुल जाते हैं । अभाग्य और दरिद्रता देने वाली देवी अलक्ष्मी सुबह स्नान करने वालों से दूर रहती हैं और लक्ष्मी जी की कृपा उनपर बनी रहती है ।

वेदों में मनुष्यों को दिन में तीन बार स्नान करने के लिए कहा गया है । लेकिन आज कलयुग के इस समय में आचार्यों ने बताया है कि दिन में कम से कम एक बार नहाने से भी सारे फल प्राप्त हो जाते हैं । वहीँ अगर अगर कोई व्यक्ति सूर्योदय से पहले स्नान करने का नियम बनता है तो उसके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा बानी रहती है ।

नियमित रूप से सूर्योदय के पहले स्नान करने वाले लोगों का स्वस्थ भी अच्छा रहता है । ऐसे लोगों का मन शांत रहता है । वहीँ पर जो लोग सुबह नहाने से बचते हैं उनके आस पास नकारत्मक ऊर्जा का घेरा रहता है ।

हमें स्वस्थ और शांत रहने के लिए नहाने की जरूरत है

मित्रों हम चाहे कुछ भी कहें लेकिन अगर हम एक पवित्र जगह पर होते हैं तो हमारा मन शांत रहता है । जैसे कि अगर हम एक बगीचे में जाएँ जहाँ बहुत सारे फूल और हरियाली हो तो हमें वहां अच्छा लगता है । लेकिन अगर हम एक गंदे नाले के पास जाकर बैठ जाएं तो हमारा मन अशांत हो जाता है ।

वैसे ही अगर हम सुबह नहाकर अपने शरीर को सुद्ध करते हैं तो दिन भर हमारा मन शांत रहता है । गरुड़ पुराड़ में ब्रह्मा जी बताते हैं कि जब व्यक्ति सोता है तो उसका शरीर से अपवित्र हो जाता है । जब वह सोता है तो उसके मुँह से लार गिरती रहती है ।

वैज्ञानिकों का मत है कि अगर किसी व्यक्ति के मुँह में रात के समय एक अनाज का दाना रख दिया जाए और सुबह उसे एक चिड़िया को खिलाया जाए तो चिड़िया की मौत हो सकती है । इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि सोते वक्त हमारे मुँह से कितने विषैले पदार्थ बाहर आते हैं ।

इसी तरह शरीर के बाकी 8 छिद्रों से भी ऐसे ही पदार्थ बाहर आते हैं इसलिए सुबह नहाने की वजह केवल यह नहीं है कि इसके बहुत सारे फायदे हैं । वल्कि यह भी है कि हमें स्वस्थ और शांत रहने के लिए सुबह नहाने की जरूरत है ।

नहाने का तरीका

नहाने का सही तरीका है सबसे पहले सिर को धोना फिर उसके बाद ऊपर नीचे से के तरफ बाकी शरीर को धोना । बाल्टी में पानी लेकर लोटे से नहाना अच्छा माना जाता है शावर से नहाने की तुलना में । अगर किसी सरोवर या तालाब के जल से नहाने का मौका मिले तो यह और भी अच्छा माना जाता है ।

गरम पानी से बिलकुल भी नहीं नहाना चाहिए । अगर आप गरम पानी से नहाते हैं तो आपको इसका नुक्सान भुगतना पड़ सकता है । नुकसान यह है कि आपका स्वास्थ अच्छा नहीं रहेगा । गरम पानी से नहाने के कारण आपके बाल भी झड़ सकते हैं ।

जहाँ ठन्डे पानी से नहाने पर आपके शरीर में ऊर्जा का संचार होता है और आप तारो ताजा महसूस करते हैं वहीँ गरम पानी से नहाने के कारण आप थकान और आलस्य के शिकार हो जाते हैं । अगर कोई गंभीर बीमारी है तब आप हलके गुनगुने पानी से नाहा सकते हैं ।

अगर आप गरम पानी से नहाते हैं तो सबसे पहले आपको पानी अपने पैरों पर डालना चाहिए और अंत में अपने सिर पर । यह तरीका ठन्डे पानी से नहाने की प्रक्रिया से बिलकुल उल्टा है ।

कायिक स्नान क्या होता है

अगर कोई व्यक्ति बीमार है तो उसके लिए गरुड़ पुराण में कायिक स्नान बताया गया है । अगर आप अपने सिर पर पानी डाले बिना बाकी के शरीर को पानी से धो लेते हैं तो यह तरीका कायिक स्नान कहलाता है । कायिक स्नान उन लोगों के लिए बताया गया है जो कि बीमार हैं और साधारण तौर पर नहाने के काबिल नहीं हैं ।

कायिक स्नान का एक प्रकार यह भी है कि बिना पानी डाले शरीर को केवल गीले कपड़े से पोछ लिया जाए । खाना खाने के बाद नहाने को सही नहीं माना जाता और इसके कारण आपकी पाचन शक्ति कमजोर पड़ सकती है । वहीँ पर अगर आप खाना खाने के 2 घंटे पहले नहाते हैं तो इससे आपकी पाचन शक्ति कई गुना बड़ जाती है । अगर आप खाना खाने के बाद ही नहाना चाहते हैं तो खाना खाने और नहाने के बीच कम से कम दो घंटे का अंतर जरूर होना चहिये ।