रहीम दास जी ने क्यों कहा देने वाला कोई और

रहीम दास जी ने क्यों कहा देने वाला कोई और

परोपकार क्या है? रहीम दास जी कहते हैं देनहार काऊ और है यानी देने वाला कोई और है जो भेज रहा है । जिस परकार एक सच्चा कथावाचक कथा करने का सारा श्रेय वक्तव्य को देते हैं । रहीम जी कहते हैं कि देने वाला हर समय भेजता रहता है । बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र शास्त्री का कहना है कि कभी भी परोपकार करो तो इस भावना से नहीं करना कि सामने वाला हमें धन्यवाद देगा वल्कि इस भावना से करना कि ईश्वर ने हमें परोपकार करने के लिए चुना है ।

एक बार एक सज्जन के बेटे का ऑपरेशन होना था । डॉक्टर ने कहा कि कल सुबह 12 बजे तक 3 लाख रुपए जमा कर देना तभी ऑपरेशन होगा । उनका कोई रिश्तेदार नहीं था । अस्पताल के बगल में बांके बिहारी जी का मंदिर था । वो सज्जन मंदिर के बाहर आकर बैठ गए और कहने लगे कि प्रभु कल भी मेरा आपके अलावा कोई नहीं था और आज भी कोई नहीं है ।

सज्जन ने कहा कि मुझे कोई भय नहीं है में अपने बेटे को घर ले जाऊंगा लेकिन लोग आप पर हंसेंगे कि बड़ा गोविंद का भक्त बना फिरता था क्या कर लिया भगवान ने । मुझे दिक्कत इस बात की है कि आपकी लाज ना जाने पाए ।

बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र शास्त्री का कहना है कि सच्चा लेटी वही है जो अपने प्रेमी के लिए सब कुछ त्याग दे । भक्त वही है जो भगवान की प्रसन्नता चाहे । जब सज्जन को बैठे बैठे 2 घंटे हो गए तो कुछ समय बाद वहां एक सेठ आया और उसने सज्जन आदमी को रोते हुए देखा ।

रहीम दास जी का कहना है भगवान सबको पालते हैं

चौकीदार ने साजन से कहा कि आप रो क्यों रहे हैं चलिए भोजन कर लीजिए । सज्जन आदमी ने बताया कि उनका बेटा मरने की हालत में है मुझे भूख नहीं । सेठ ने कहा कि भैया समझो तुम्हारी माधव ने सुन ली । सज्जन व्यक्ति ने कहा कि भैया कहां सुन ली, उधार हमे मिलेगा नहीं, रिश्तेदार कोई है नहीं, संपत्ति सारी बेच दी अब तो बालक को बचना नहीं है ।

इसके बाद सेठ ने कहा कि समझी तुम्हारे भगवान ने कृपा करदी । आज पहली बार मुझे नींद नहीं आई और अब पता लगा कि मुझे नींद क्यों नहीं आई । सेठ ने कहा कि बालक का ऑपरेशन कल होगा और उसकी व्यवस्था हम कर देंगे ।

सज्जन आदमी ने कहा कि हम चुका नहीं पाएंगे तो सेठ ने कहा कि देने वाले तो तुम्हारे भगवान हैं हम तो केवल एक यंत्र हैं । रहीम दास जी कहते हैं कि देने वाला तो कोई और है । इस संसार में हमें और आपको देने वाला कोई और है । रहीम दास जी इस भक्त हुए जिन्होंने ठाकुर ने को पाया । बागेश्वर वाले महाराज धीरेंद्र शास्त्री जी का कहना है कि सेवा या परोपकार यह देखकर नहीं करना की अपना है या पराया, सेवा करना तो मानव सेवा करना । मानव सेवा माधव सेवा है, परीक्षित जी ने सुकदेव गोस्वामी जी से पूछा कि सात दिन शेष हैं मृत्यु के लिए मुझे क्या करना चाहिए ।

भगवान सुकदेव गोस्वामी कहते हैं कि भगवान की कथा को सुनो और जीवन में उतारो आप कथा को सुनते सुनते ही मोक्ष को प्राप्त कर लेंगे । मोक्ष का मतलब मरना नहीं है वल्कि मोक्ष का मतलब है कामनाओं से मुक्त हो जाना । इसलिए रहीम दास जी ने कहा है कि देने वाला तो कोई और है । हमें कामनाओं से मुक्त होकर मोक्ष पाने का प्रयास करना चाहिए । भगवान को जितना जिसे देना है वे उसे किसी न किसी के माध्यम से दे ही देंगे ।

यह भी पड़ें – बागेश्वर बाबा से न्यूज़ चैनलों के सीधे सवाल

Leave a Reply