मृत्यु से बचने का है एक मात्र उपाय
कहते हैं जीवन का सत्य है मृत्यु और मृत्यु से कोई बच नहीं सकता । आया है सो जायेगा राजा रंक फकीर भले काम तब तक करे जब तक रहे शरीर । छोटी सी यह कहावत जीवन का सार अपने मे समेटे हुए है । यह बड़े बड़े लोगों को भी चुनौती देती है । जो गरूर मे जीते थे कल अपनी शान शौकत पर । कोई एक मोमबत्ती भी नहीं जलाता आज उनकी कब्रों पर।
एक यूनानी सम्राट सिकंदर जिसने दुनिया को जीतने का सपन्न देखा था । कुछ हद तक कामयाब भी रहा पर सिकंदर को लेकर आज यह सवाल है कि आखिर उसका मकबरा कहाँ है । कोई भी यकीन के साथ यह नहीं कह सकता कि उसे किस जगह दफनाया गया था?
मृत्यु से डरना कायरों का काम है और बिलकुल भी न डरना मूर्खों का । मृत्यु से बचने का प्रयास इस संसार मे हर कोई करता है पर एक न एक दिर हर कोई मरता है । मृत्यु की खबर सुनते ही लोग हो जाते हैं बहुत उदास पर चिंता मत कीजिये क्यूंकि आज हम आपको बताएंगे इस महामारी का सटीक इलाज । बस अंत तक बने रहिये getgyaan के साथ ।
मृत्यु क्यों?
बीमारी का इलाज तलाशने से पहले हमें बीमारी का कारण पता होना चाहिए । इसलिए पहले हमें जानना होगा कि आखिर मृत्यु क्यों आती है? मृत्यु का मुख्य कारण है जन्म । यह सुनने में बड़ा अजीब लगेगा पर इस सत्य को कोई टाल नहीं सकता ।
जिस किसी का भी जन्म हुआ है उसकी मृत्यु होना अनिवार्य है । यही यहाँ का नियम है । इस संसार का नियम जहाँ हम रहते हैं । इस संसार में हर उस जीव की मृत्यु होती है जो जन्म लेता है ।
मत्यु का सिलसिला जीवन के साथ ही शुरू हो जाता है । वैज्ञानिक दृस्टि से देहें तो अगर किसी के शरीर मे ऑक्सीकरण प्रतिक्रिया ( oxidation reaction ) होती है तो वह बूढ़ा होना शुरू हो जाता है । जिस किसी जीव मे यह प्रतिक्रिया जिस गति से होती है वह उतना ही जल्दी बूढ़ा हो जाता है । आपको पता होना चाहिए के एक कछुआ लगभग 200 वर्ष जीवित रहता है और इंसान औसतन 70 वर्ष । कलियुग के अंत तक इन्सानों की आयु घटकर 12 वर्ष ही रह जाएगी ।
वैज्ञानिकों कि अनुसार अगर ऑक्सीकरण प्रतिक्रिया ( oxidation reaction ) को किसी तरह रोक दिया जाए तो इंसान हमेशा जवान रह सकता है । सुनने मे यह बड़ा अच्छा लगता है लेकिन यह संभव नहीं है । जिस ऑक्सीजन से आपकी साँसे चलती हैं वही आपको बूढ़ा करती है । जन्म से ही मृत्यु का वजूद अस्तित्व मे है । किसी भी जीवित प्राणी की मृत्यु निश्चित है । यह मान पाना बड़ा कठिन है परन्तु जन्म ही वो कारण है जिस कारण से यह महामारी अनवरत चलती रहती है ।
मृत्यु से बचने की नाकाम कोशिशें
हर कोई इस रहस्य को नहीं जान पता । कुछ लोग अपने आप को अमर बनने मे यकीन रखते हैं । मृत्यु से बचने के लिए लोगों ने क्या कुछ नहीं कर डाला । चाहे मिस्र के मम्मी ( mummy ) हों या प्लास्टिक सर्जरी (Plastic Surgery) से जवान दिख रहे वृद्ध किसी को भी अमरता प्राप्त नहीं हुयी । या फिर वो ऐयाश रहीसजादे जिन्होंने बृद्ध अवस्था में सम्भोग करने कि लिए बन्दर के यौन अंग अपने अंदर लगवा लिए ।
बन्दर बड़े कामुक होते हैं और अपनी शारीरिक क्षमता से एक दिन मे कई बार सम्भोग कर सकते हैं । आपको जानकार हैरानी होगी उनकी इसी अनोखी शारीरिक बनावट पर फिदा होकर अफ्रीका से बंदरों को पकड़कर लाया जाता है जिनके यौन अंग कई देशो मे रहीस लोगों को लगाए जाते हैं ताकि वो लम्बे समय तक जवान रह सकें।
अमरता का एक और नाकाम प्रयास है मम्मी ( mummy ) । मम्मी उस मरे हुए सरीर को कहते हैं जिसे रसायनों मे डुबोकर रखा जाता है ताकि मृत शरीर सुरक्षित रहे । कई देशों मे यह प्रक्रिया बहुत आम है ।
मम्मी बनाने की इस प्रथा को मिस्र में इस उम्मीद के साथ शुरू किया गया था कि मम्मी बनाये गए सभी व्यक्तिों को भविष्य मे वापिस जिन्दा किया जा सकेगा । कितने ही मम्मी पाए गए यहाँ तक कि जानवरों के मम्मी भी लोगों ने बना डाले पर आज तक एक भी मम्मी जिन्दा नहीं किया जा सका।
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मृत्यु से बचने का उपाय
हमारे पाठकों से आशा है के वो अमरता के नाकामयाब प्रयासों से पीड़ित न हों । मृत्यु एक दिन आएगी, शरीर एक दिन सबका छूटेगा, मर एक दिन हर कोई जायेगा पर जो मरकर फिर दोबारा जन्म न ले वो अमर कहलायेगा ।
दोस्तो 84 लाख योनियों मे देहान्तर कर रहे जीवों को जन्म मृत्यु के चक्र से उबार पाना अत्यंत कठिन है । कई लोग तप, ज्ञान, साधना, योग के जरिये मुक्ति का प्रयास करते हैं लेकिन भगवान कृष्ण की माया किसी को भी इस जन्म मृत्यु के चक्र से निकलने नहीं देती ।
परन्तु जो भक्तिभाव से निरंतर भगवान का ध्यान करते हैं और भगवान का नाम लेते हैं । भगवान उनको जन्म मृत्यु से बड़ी ही आसानी से निकाल लेते हैं । जन्म से लेकर मृत्यु तक मनुष्य को बहुत ज्यादा संघर्षों का सामना करना पड़ता है ।
भगवान कृष्ण का वह परम धाम ही है जहाँ एक बार जाकर कोई वापस नहीं आता । जहाँ जाकर सारा संघर्ष खत्म हो जाता है । जो इस भौतिक जगत के विपरीत सदा आनंदमय है उस परम धाम को प्राप्त करने वाला जन्म मृत्यु से सदा सर्वदा के लिए मुक्ति पा लेता है ।
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