मेरा पढ़ाई में मन नहीं लगता क्या करूं | असरदार टिप्स

मेरा पढ़ाई में मन नहीं लगता क्या करूं

हमारे मन में अक्सर यह सवाल आता है कि मेरा पढ़ाई में मन नहीं लगता क्या करूं। यदि आपका पढ़ाई में मन नहीं लगता है तो आपके मन में यह विचार जरूर आता होगा कि ऐसा क्या किया जाए जिससे आपका मन पढ़ाई में पूरी तरह से लगने लगे। आपके अंदर पढ़ाई के प्रति लगन तो है और आप पढ़ाई करना भी चाहते हैं परंतु पढ़ाई करते समय आपके मन में इधर-उधर के विचार आते हैं अथवा आप पढ़ाई करना तो चाहते हैं परंतु किसी कारण से कर नहीं पाते हैं।

अपनी एकाग्रता की शक्ति को जानिए

आज हम आपको बताएंगे पढ़ाई करते समय दिमाग से फालतू के विचार को निकाल कर पूरी लगन से पढ़ाई कैसे की जाती है। पढ़ाई करने के लिए सबसे जरूरी है कंसंट्रेशन (एकाग्रता) तो चलिए जानते हैं कंसंट्रेशन क्या होता है।

कंसंट्रेशन को हिंदी में कहते हैं एकाग्रता, किसी कार्य को करने की क्षमता अथवा अपने मन को एक कार्य के प्रति स्थाई रखने को कहते हैं कंसंट्रेशन। चलिए जानते हैं कौन कंसंट्रेशन किस तरह लगाया जाता है। (The ability to give all of your attention to something)

आपको distraction से बचना होगा

आपकी जो सोचने की प्रक्रिया एवं क्षमता है उसे एक ही चीज पर पूरी तरह से लगा पाने की क्वालिटी को प्राप्त करना है ताकि हम अपनी पढ़ाई अच्छे से कर पाए और अपने बाकी कार्य अच्छे से कर पाए लेकिन कैसे जब कभी भी आप किसी भी चीज को कंसंट्रेट (concentrate) करना चाहे तो उसके साथ साथ आपको उसके दुश्मन को भी साथ लेकर चलना है जिसका नाम है डिस्ट्रेक्शन (distraction)। जो भी चीज आपके मन को भटकाती है एवं लुभाती है आपको उसे अपने मनसे पूरी तरह निकालना है। जिस दिन आप ऐसा कर पाए और जब आप अपनी सोचने की प्रक्रिया में से सारे डिस्ट्रेक्शन को निकाल देंगे उस दिन से आप अपना 100% कंसंट्रेशन पढ़ाई को दे पाएंगे।

चलिए इसको 2 तरह से जानते हैं। पहला डिस्ट्रेक्शन को पूरी तरह से कैसे भगाया जाए वह दूसरा जब डिस्ट्रक्शन को मन से पूरी तरह निकाल दिया जाए उसके बाद पढ़ाई को 100% कंसंट्रेशन कैसे दिया जाए। तो चलिए पहले भगाते हैं डिस्ट्रेक्शन को जिस तरह कंसंट्रेशन का मतलब होता है किसी एक चीज पर ध्यान लगाने की क्षमता उसी तरह डिस्ट्रक्शन का मतलब होता है आपका मन किसी एक काम से जैसे पढ़ाई से आपका मन भटक जाता है। डिस्ट्रक्शन दो प्रकार के होते हैं एक को कंट्रोल करना बहुत आसान है परंतु दूसरे को कंट्रोल कर पाना बहुत ही मुश्किल होता है। पहले डिस्ट्रक्शन का नाम है external distraction और दूसरे का नाम है internal distraction

External Distraction से छुटकारा कैसे पाया जाए

external distraction : तो एक्सटर्नल डिस्ट्रक्शन कौन से होते हैं जैसे मान लो आप पढ़ाई कर रहे हैं और दूसरे रूम में टीवी चल रहा है आप गए और आपने टीवी बंद कर दी जिससे आपका एक्सटर्नल डिस्ट्रक्शन बंद हो गया। आपके मोबाइल पर नोटिफिकेशन मैसेज बार-बार आ रहे हैं और आपने अपना मोबाइल डाटा बंद कर दिया तो मैसेज आना बंद हो गए और आपका एक्सटर्नल डिस्ट्रक्शन वहीं पर बंद हो गया। एक्सटर्नल डिस्ट्रैक्शन कंट्रोल करना बहुत आसान है। तो चलिए अब हम आते हैं इंटरनल डिस्ट्रैक्शन पर।

इंटरनल Distraction से छुटकारा कैसे पाया जाए

Internal distraction : तो इंटरनल डिस्ट्रक्शन कौन से होते हैं उसने मुझे धोखा दे दिया, उस से मेरी लड़ाई हो गई, उस से मेरा बहुत मन करता है बात करने का, या फिर आपको एग्जाम का डर लग रहा है या फिर अब बैठे-बैठे सपने पर सपने देखे जा रहे हैं, पछतावा हो रहा है कि मैंने टाइम बर्बाद कर दिया आपके विचारों की प्रक्रिया है आप कितना ज्यादा फालतू का सोचते हैं उसे कहते हैं इंटरनल डिस्ट्रक्शन तो इसे किस तरह रोका जाए।

तो आपके पास दो ऑप्शन है आपके साथ अतीत में जो कुछ भी हुआ जो कुछ भी बुरा हुआ जिसकी वजह से आप उदास हो या फिर कुछ भी हुआ तो आप उसे लेकर बैठे रहे या फिर उसे भूल कर अपने दिमाग को उसे सोचने पर मजबूर ना होने दें। अथवा आपने दिमाग की सोच को स्थिर रखें क्योंकि अतीत और भविष्य दोनों ऐसी चीजें हैं जो सिर्फ आपके दिमाग पर असर डालती हैं। यह दोनों ऐसी चीजें हैं जो असल में नहीं होती है केवल आपकी सोच पर असर डालती हैं।

क्योंकि जब हम अतीत में थे तो उस समय वह हमारा आज था और जिस भविष्य के बारे में हम खयालों में खोए रहते हैं वह हमारा कल है वह जब तक हमारे पास में आएगा तब वह भी हमारे आज में बदल जाएगा। तो यह आपके ऊपर है कि आप क्या करते हैं या तो आप अपने कल को दोषी मानकर अपने आप को कोसते रहो और उसी के ख्यालों में खोए रहो, उसी के बारे में सोचते रहो इससे आप आज जहां हो कल भी वहीं रह जाओगे और दूसरा उपाय यह है जिसमें इसका समाधान छुपा हुआ है।

आपकी लाइफ में आज जो भी डिस्ट्रेक्शन है किसी भी तरह का डिस्टरबेंस है इंटरनल डिस्ट्रेक्शन, इमोशनल डिस्ट्रक्शन, मेंटल डिस्ट्रक्शन वो आपके जीवन में आपकी सोच में कैसे आया आपके अतीत के कामों की वजह से, आपके अतीत में जो भी लफड़े रहे हो धीरे-धीरे उनका रिजल्ट आना शुरू हो गया।

तो आपको आज यह सोचना है की जिसकी वजह से आपका मन भटक रहा है, पढ़ाई में नहीं लग पा रहा है आपको अभी तक जो भी मिला है वह जो भी आपने अपने अतीत में किया है उसी वजह से मिला है। आपको यह बात दिमाग में रखनी है कि आप जो आज करेंगे वही आपको अपने भविष्य में मिलेगा। आपको अपने कल को ध्यान में रखना होगा और अपने अतीत को सोचना और उसका पछतावा करना बंद करना होगा, अपने दिमाग को काबू में लाना होगा।

पढ़ाई करते वक्त फालतू की चीजें सोचने से बचें

आपको फालतू की चीजें सोचना बंद करना है क्योंकि आप आज जो सोचेंगे उसका असर आपके भविष्य पर पड़ेगा, उसके लिए आपको यह सोचना है कि जो भी हो रहा है उसका कारण मैं हूं, मेरा जो भी दिमाग भटक रहा है वह मेरी खुद की वजह से भटक रहा है। और क्योंकि इसका गुनहगार भी मैं हूं तो मैं खुद को माफ भी कर सकता हूं क्योंकि आज तक जो हुआ उसको तो मैं नहीं बदल सकता, मेरे मार्क्स कम आए, किसी ने मुझे धोखा दिया, उसके बारे में सोचना बंद करना है क्योंकि हम उसको तो बदल नहीं सकते हैं पर हम अपने आने वाले कल को जरूर बदल सकते हैं।

अपनी कंसंट्रेशन की शक्ति में सुधार करें

इससे आपका Internal distraction दूर हो जाएगा और जब इंटरनल डिस्ट्रक्शन दूर हो जाएगा तब बात आती है कंसंट्रेशन की। आज जो मैं करने जा रहा हूं या करूंगा उसका परिणाम मुझे कल जरूर मिलेगा। यदि मैं आज मन लगाकर पढ़ाई करूंगा तो उसका परिणाम मुझे कल अवश्य प्राप्त होगा। और यदि आप को कोई भी चीज distract करने वाली है तो आप उसे distract करने से पहले ही अपने दिमाग से निकाल दें। उसे आगे ही मत बढ़ने दें जिससे कल को वह आपका दिमाग न भटका सके।

पहले तो आपको लगेगा इस चीज से थोड़ी मैं भटक सकता हूं परंतु धीरे-धीरे वही चीज आपके डिस्ट्रक्शन का कारण बन जाती है और यह बात आपको पता भी नहीं चलती है। इसलिए किसी भी तरह के डिस्ट्रक्शन को अपने ऊपर भारी होने से पहले ही उसको सोचना बंद कर दें। जब आप किसी चीज को सोचेंगे ही नहीं तो फिर आपका इंटरनल डिस्ट्रक्शन होगा ही नहीं और आप पूरी तरह से पढ़ाई में मन लगा पाएंगे और अपने मन को स्थिर रख पाएंगे।

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