दोस्तो, यूँ तो हम सब जानते ही हैं कि आश्चर्य किसे कहते हैं लेकिन आप में से बहुत लोग शायद ना जानते हों की जीवन का सबसे बड़ा आश्चर्य क्या है?, महाराज युधिस्ठिर के अनुसार जीवन का सबसे बड़ा आश्चर्य है अमर बनने की इच्छा ।
महाराज युधिस्ठिर के यक्ष को जवाब
एक बार की बात है महाराज युधिस्ठिर अज्ञातवाश के समय वन में सभी पांडवों के साथ थे । जंगल में घूमते घूमते सभी पांडवों को प्यास लगने लगी । महाराज युधिस्ठिर ने एक एक करके सभी पांडवों को पानी लाने के लिए भेजा । सभी पानी लेने के लिए तो गए लेकिन वापिस लौटकर कोई भी नहीं आया ।
तब महाराज युधिष्ठिर ने स्वंय पांडवों को ढूढ़ने का प्रयास किया । जब महाराज युधिष्ठिर एक सरोवर के पास गए तो उन्होंने देखा कि सारे पांडव वहां बेहोस पड़े हुए हैं । महाराज युधिष्ठिर ने सोचा कि पांडवों की खबर बाद में लेते हैं पहले क्यों न सरोवर से कुछ पानी ही पी लिया जाये ।
जैसे ही महाराज युधिष्ठिर सरोवर से पानी पीने लगे तो वहां एक आवाज आयी जिसने उन्हें पानी पीने से रोक दिया । वह आवाज दरअसल यक्ष की थी जो उस सरोवर की रखवाली किया करते थे । यक्ष ने महाराज युधिष्ठिर को पानी पीने से रक दिया और उनके सामने एक शर्त रखी ।
यक्ष ने कहा कि अगर महाराज युधिष्ठिर उनके सवालों का जवाब दे देंगे तो वह सरोवर से पानी पी सकते हैं नहीं तो वो भी अपने भाइयों की तरह ही मृत्यु को प्राप्त हो जायेंगे । महाराज युधिष्ठिर ने यक्ष की शर्त मंजूर कर ली और यक्ष एक एक करके महाराज युधिष्ठिर से सवाल पूछने लगे ।
उन्होंने पहला सवाल पुछा कि वायु से भी तेज क्या है तो महाराज युधिष्ठिर ने जवाब दिया कि वायु से भी तेज मन है । वायु को तो एक जगह से दूसरी जगह तक पहुँचने में कुछ वक्त लगता है लेकिन मन तो कहीं भी बिना वक्त लगाए ही पहुचन सकता है ।
जैसे कि आप एक बार ताज महल देख कर आये हैं और दोबारा ताजमहल देखना चाहते हैं तो आपको वहां जाना पड़ेगा लेकिन मन में ताजमहल की तस्वीर तुरंत ही उभर कर आ जाएगी ।
इसी क्रम से सवाल पूछते हुए कहा की आकाश से भी ऊँचा कौन होता है तो महाराज युधिष्ठिर ने कहा कि पिता का साया आकाश से भी ऊँचा होता है । धरती से भी भारी कौन है पूछने पर महाराज युधिष्ठिर ने माता को धरती से भी भरी बताया ।
इसी क्रम से आगे बढ़ते हुए यक्ष ने पुछा कि सूर्य किस की आज्ञा से उदय होता है तो महाराज युधिष्ठिर ने कहा कि भगवान की आज्ञा से । विदेश जाने वाले का साथी कौन है पूछने पर बिद्या को विदेश जाने वाले का साथी बताया ।
इसी क्रम से जब यक्ष ने महाराज युधिष्ठिर से पुछा की जीवन का सबसे बड़ा अस्चर्य क्या है तो उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा आश्चर्य तो यही है कि रोज लोग एक दुसरे को मरते हुए देखते हैं लेकिन सोचते हैं कि वो कभी नहीं मरेंगे और हमशा जीने की इच्छा रखते हैं । लोग देखते हैं कि मेरे आस पड़ोस वाले सभी एक एक करके मर रहे हैं और फिर भी वह सोचते हैं कि उन्हें कभी नहीं मरना पड़ेगा यही जीवन का सबसे बड़ा आश्चर्य है ।
महाराज युधिस्ठिर ने अपनी सूझबूझ से किया अपने भाईयों को जीवित
जब महाराज युधिस्ठिर ने यक्ष के सारे सवालों का सही सही जवाब दे दिया तो वे बड़े प्रसन्न हुए और उन्होंने महाराज युधिस्ठिर से वरदान मांगने को कहा । महाराज युधिस्ठिर ने अपने भाइयों को जीवित कर देने का वरदान यक्ष से माँगा । यक्ष ने कहा कि वह केवल दो भाईओं को ही जीवित कर सकते हैं ।
आपको
यह जानकर हैरानी होsगी कि महाराज युधिस्ठिर ने ये जानते हुए भी कि भीम और अर्जुन युद्ध जीतने के लिए महत्त्वपूर्ण हैं उन दोनों को जीवित नहीं किया । महाराज युधिस्ठिर जानते थे कि आने वाले समय में महाभारत का युद्ध होने वाला है और अगर वो भीम और अर्जुन को जीवित नहीं करेंगे तो वे युद्ध नहीं जीत सकते ।
दरअसल भीम, अर्जुन और महाराज युधिस्ठिर माता कुंती के पुत्र थे और नकुल और सहदेव माता माधवी के पुत्र थे । इसलिए महाराज युधिस्ठिर ने सोचा कि अगर एक पुत्र माता कुंती के जीवित बचते हैं और एक पुत्र माधवी के तो यह न्याय पूर्ण होगा और अगर भीम और अर्जुन जीवित बच गए लेकिन माता माधवी के दोनों पुत्र मारे गए तो यह अन्याय होगा ।
महाराज युधिस्ठिर ने न्याय और धर्म की रक्षा के लिए आने वाली युद्ध में होने वाली जीत को भी डाव पर लगा दिया महाराज युधिस्ठिर को धर्मराज कहा जाता है और उन्होंने यहाँ यह साबित कर दिया कि वे धर्म को सबसे बड़ा मानते हैं । यक्ष महाराज युधिस्ठिर का न्याय देखकर बहुत ही ज्यादा प्रभावित हुए और उन्होंने पांचो पांडवों को फिर से जीवित कर दिया ।
लोग अमर क्यों होना चाहते हैं?
महाराज युधिष्ठिर के अनुसार अमर होने की इच्छा ही इस दुनिया में सबसे बड़ा आश्चर्य है । फिर भी न जाने लोग अमर क्यों होना चाहते हैं? इसका कारण शास्त्रों में बताय गया है कि सारे जीव भगवान के अंश स्वरूप ही हैं । क्योंकि भगवान अमर हैं इसलिए हम भी अमर होना चाहते हैं ।
अमर होना इस जगत में संभव नहीं है क्योंकि इस भौतिक जगत को नश्वर बताया गया है । इस जगत में जिसने भी जन्म लिया है उसकी मृत्यु होना निश्चित है । अमर होने की इच्छा रखने का एक कारण यह भी है कि लोग मरने से डरते हैं इसलिए वे अमर होना चाहते हैं ।
प्राचीन काल में कई राक्षस रहे हैं जो अमर होने के लिए शिव जी की तपस्या किया करते थे लेकिन आज तक कोई भी अमर नहीं हो पाया । पृथ्वी लोक की तो बात ही जाने दें क्योंकि स्वर्ग लोक में भी कोई अमर नहीं है ।
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