वेबसाइट बनाने के लिए होस्टिंग सर्विस क्या होती है और यह कितने प्रकार की होती है?
दोस्तों इस लेख में हम जानेंगे कि एक वेबसाइट कैसे बनायीं जाती है। दोस्तों अगर आप वर्ड प्रेस या ब्लॉगर में एक प्रोफेशनल ब्लॉग या वेबसाइट बनाने के बारे में सोच रहे हैं तो आपको डोमेन नेम और होस्टिंग सर्विस के बारे में जानना बहुत जरूरी है। डोमेन नेम के बारे में तो हमने पिछले विडिओ में बता दिया है।
आज बात करेंगे होस्टिंग सर्विस के बारे में। आज हम जानेगे वेब होस्टिंग क्या होता है और ये कितने प्रकार का होता है? अगर आप एक वेबसाइट बना रहे हैं तो आपको कौनसा लेना चाहिए इन सभी के ऊपर आज हम बात करेंगे विडिओ लास्ट तक जरूर देखिएगा, आपके बहुत काम आएगा।
तो दोस्तों सबसे पहले होस्टिंग को समझ लेते हैं, हॉट इस होस्टिंग होस्टिंग क्या है? होस्टिंग बिलकुल हमारे कंप्यूटर की तरह है। कंप्यूटर में जैसे हम अलग अलग प्रकार के फाइल्स को स्टोर करके ये सेव करके रखते हैं, वैसे ही हमारे वेबसाइट के फाइल्स को हम होस्टिंग में स्टोर करके रखते हैं।
एक वेबसाइट जब आप ओपन करते हो तो वहाँ पे आपको टैक्स टीम एजेस, विडीओ, ज़ ये सब फाइल्स आपको देखने को मिलता है। कुछ वेबसाइट से तो आप अलग अलग टाइप के फाइल्स भी डाउनलोड कर सकते हो तो ये जो अलग अलग टाइप के फाइल्स है जो एक वेबसाइट ओपन करते ही आपके स्क्रीन के सामने आ जाता है।
आपकी वेबसाइट के लिए 24/7 इंटरनेट कनेक्टिविटी क्यों जरूरी है, इसे समझें
ये कहीं ना कहीं तो अपलोडेड है, किसी ना किसी ने इन फाइल्स को अपनी वेबसाइट में अपलोड किया होगा तभी ये आपको दिखाई दे रहा है। यूट्यूब में ये जो आप देख रहे हो ये भी क्रिएटर्स अपलोड करते है, पब्लिश करते हैं, तभी ये आपको दिखाई देता है तो ये सभी फाइल जहाँ स्टोर रहते हैं, उसे होस्टिंग कंप्यूटर या होस्टिंग सर्वर कहा जाता है और जो कम्पनीज़ ये होस्टिंग कंप्यूटर या होस्टिंग सर्वर प्रोवाइड करते हैं, उन्हें वेब होस्टिंग कंपनी ज़ कहा जाता है।
होस्टिंग को वेब होस्टिंग या वेबसाइट होस्टिंग के नाम से भी जाना जाता है, जिसमें कंप्यूटर को वेब होस्टिंग से जोड़ा जाता है। वो 24 घंटे ऑन रहता है और 24 घंटे वो इंटरनेट से कनेक्टेड रहता है। दोस्तों आप चाहो तो अपने कंप्यूटर को भी एक पोस्टिंग बना सकते हो और अपने वेबसाइट को पब्लिकली लॉन्च भी कर सकते हो।
बट इसके लिए आपको अपने कंप्यूटर को 24 घंटे 365 दिन ऑन रखना होगा। इन ट्रेन से कनेक्टेड रखना होगा। जैसे ही आप अपने कंप्यूटर को ऑफ करोगे या अगर वो बाईचान्स इंटरनेट से डिस्कनेक्ट होता है तो आपका वेब साइट ऑफ़लाइन चला जायेगा। वो दूसरे डिवाइसेस पे लोड नहीं होगा और इसी को कहते हैं सर्वर डाउन होना।
हम सभी के लिए अपने कंप्यूटर्स को 24 घंटे 365 दिन ऑन रखना और इंटरनेट से कनेक्टेड रखना पॉसिबल नहीं होता है। दैट स्वाइम होस्टिंग परचेस करते हैं।
वेब होस्टिंग एक कंप्यूटर ही है जैसे आपके कंप्यूटर के सीपीयू में प्रोसेसर होता है, राम होता है एचडी या एस एस डी होता है। वैसे ही जब आप एक होस्टिंग परचेस करते हो किसी कंपनी से तो उसमें भी आपको प्रोसेसर, राम एचडीडी एसएसडी ये सब प्रोवाइड किया जाता है।
जब आप किसी एक कंपनी से वेब होस्टिंग परचेस करते हो तो वो कंपनी आपको पूरा एक सीपीयू प्रोवाइड कर देता है या उस सीपीयू का एक स्टोरेज स्पेस आपको प्रोवाइड करता है, जहाँ पर आप अपने वेबसाइट के फाइल्स को स्टोर रखते हो।
365 दिन 24 घंटे ऑन रहता है, इंटरनेट से कनेक्टेड रहता है। चलिए अभी जान लेते हैं एक बूस्टिंग काम कैसे करता है? जो भी कम्पनीज़ आपको होस्टिंग देती है वो आपके डेटा को यानी आपके वेबसाइट के फाइल्स को किसी एक हाई स्पीड कंप्यूटर में स्टोर करके रखती है।
अब जब भी कोई इंसान अपने कंप्यूटर या मोबाइल में एक टाइप करता है जैसे कि राजीव मिश्रा.कॉम अगर कोई टाइप करता है तो सबसे पहले एक रिक्वेस्ट वेब सर्वर तक जाता है और फिर वहाँ से जो भी यूआरएल आप टाइप करते हो उस पेज का एक कॉपी आपके कंप्यूटर या मोबाइल में भेज दिया जाता है। अभी बहुत सारे लोगों का एक सवाल आएगा।
अपने कंप्यूटर पर होस्टिंग करने के लिए बिजली और इंटरनेट कनेक्शन का खर्च
अगर एक कंप्यूटर ही है तो क्या हम अपने कंप्यूटर या लैपटॉप को भी एक वेब होस्टिंग या होस्टिंग सर्वर बना सकते हैं और उसमें अपने वेबसाइट को पब्लिकली लॉन्च कर सकते हैं? जी हाँ दोस्तों आप बिलकुल कर सकते हो बट अभी सवाल आता है क्या आप अपने कंप्यूटर को या लैपटॉप को 365 दिन 24 घंटे ऑन रख सकते हो? क्या उसमें इंटरनेट कनेक्शन हमेशा आप ऑन रख सकते हो?
उसमें हमेशा इंटरनेट रहेगा? चलिए मान लेते हैं अगर लोड शेडिंग नहीं होता है। इंटरनेट कनेक्शन हमेशा आपके डिवाइस में ठीक ठाक काम भी करता है। आप अपने कंप्यूटर को हमेशा 365 दिन 24 घंटे ऑन रखते हो।
ऑफ नहीं करते हो कभी भी तब भी क्या यह आपके लिए फायदेमंद रहेगा और आप एक कंप्यूटर को 24 घंटे ऑन करके रखते हो तो वो मिनिमम दो यूनिट से लेकर सात यूनिट तक इलेक्ट्रिसिटी कौन स्यूम करता है?
और यहाँ पे जो मिनिमम दो यूनिट मैंने बताया वो सबसे लो कॉन्फ़िगरेशन कंप्यूटर के लिए मैंने बताया और वो भी तब जब कंप्यूटर के साथ मॉनीटर कनेक्टेड नहीं रहता है तो ऐवरेज अगर तीन यूनिट मानकर चलते हैं तो साल का हो जाता है।
1000 95 यूनिट और अगर पर यूनिट ₹7 मानके चलता है तो सालभर सिर्फ आपके कंप्यूटर को ऑन रखने के लिए इलेक्ट्रिसिटी कॉस्ट आता है। ₹7665 ₹7665 वो भी साल भर सिर्फ आपके कंप्यूटर को ऑन रखने के लिए और इसमें भी आपको कोई बहुत अच्छा सुपर फास्ट होस्टिंग नहीं मिलने वाला है।
वहीं पे अगर आप पोस्टिंग बाईं करने की सोच रहे हो तो साल भर का कॉस्ट कुछ 1500 के आस पास आता है। ₹69 पर मंथ के हिसाब से भी होस्टिंग आपको मिल जाता है और ये तो मैंने सिर्फ बैटरी सिटी कॉस्ट के हिसाब से आपको समझाया है।
अगर आप सालभर अपने कंप्यूटर या लैपटॉप को ऑन रखते हो तो हो सकता है दो 3 साल बाद ही उस कंप्यूटर का रैंप या हार्ड डिस्क या एस एस डी को आपको चेंज करना पड़े और भी कई प्रॉब्लम आपके कंप्यूटर में दिखाई दे सकते हैं जैसे कि कंप्यूटर का जो ओएस है, ऑपरेटिंग सिस्टम है, वो करप्ट हो सकता है और ऐसा अगर हो जाता है तो जितना भी आपका डेटा है वेबसाइट का जो डेटा है कंप्यूटर्स के जो डेटा है वो डिलीट हो जाएंगे।
उससे आप रिकवर नहीं कर पाओगे तो अपने कंप्यूटर को एक सर्वर बनाना कोई समझदारी का काम तो नहीं है। बट जब आप सीख रहे हो जब आप सीखोगे की वेबसाइट कैसे बनाते है, वेबसाइट में काम कैसे चलता है वो लर्निंग प्रोसेसर में आप अपने कंप्यूटर को कुछ टाइम के लिए आस वेब होस्टिंग यूज़ कर सकते हो।
फ्री सॉफ्टवेयर का उपयोग करके अपने कंप्यूटर को वेब होस्टिंग में बदलें
उसमें कोई प्रॉब्लम नहीं है। अपने कंप्यूटर को ही वेब होस्टिंग कैसे बनाया जाता है? यह मैं आपको अपने नेक्सट में सिखाऊंगा। यह प्रोसेसेस बिल्कुल फ्री है। बिल्कुल फ्री सॉफ्टवेयर का यूज़ करके आप खुद से घर पे ये कर सकते हो पूरा प्रोसेसर आपको नेक्सट में सीखने को मिल जायेगा।
चलिए जानते हैं होस्टिंग कितने प्रकार के होते हैं ऑपरेटिंग सिस्टम के हिसाब से होस्टिंग दो प्रकार के होते हैं लिनक्स होस्टिंग और विंडोज होस्टिंग। जैसे की मैंने आपको बताया होस्टिंग बेसिकली एक कंप्यूटर ही है तो कंप्यूटर रन होने के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम ओएस चाहिए।
लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम में रन होने वाला होस्टिंग लिनक्स होस्टिंग कहलाता है और विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम में रन होने वाला होस्टिंग विंडोज होस्टिंग कहलाता है।
तो लिनक्स होस्टिंग और विंडोज होस्टिंग में अंतर क्या है? दोस्तों अंतर है बस पैसे का। लिनक्स ओपन सोर्स ऑपरेटिंग सिस्टम में कोई भी इसको बिल्कुल फ्री में डाउनलोड कर सकता है। यूज़ कर सकते हैं जैसे की हम 100 को करते है बट विंडोज फ्री नहीं है।
विण्डोज़ को यूज़ करने के लिए आपको लाइसेंस परचेस करना पड़ता है। कम्पनीज़ को भी लाइसेंस परचेस करना पड़ता है और ये जो लाइसेंस का कॉस्ट है ये आपके होस्टिंग में इन्क्लूड हो जाता है। तो प्राइस बढ़ जाता है, इसीलिए आज भी ज्यादातर वेबसाइट लेने पर ही बनाए जाते हैं।
अब बात करते हैं वेबसाइट सपोर्ट के आधार पर। होस्टिंग कितने प्रकार के होते हैं? जी हाँ दोस्तों सपोर्ट के आधार पर होस्टिंग के अलग अलग प्रकार होते हैं। मेनली तीन टाइप्स के होस्टिंग आपको देखने को मिलता है।
सबसे पहला आता है शील्ड वेब होस्टिंग। ये सबसे चीपेस्ट और बिगिनर्स के लिए बेस्ट होस्टिंग माना जाता है। शेड होस्टिंग में ढेर सारे वेबसाइट्स को एक साथ रन किया जाता है। एक ही सर्वर में बहुत सारे वेबसाइट्स को एक साथ चलाया जाता है, बहुत सस्ता होता है और बिगिनर्स के लिए बेस्ट होता है।