संत हरिदयाल की इन्दिरा गाँधी और राहुल गाँधी की मृत्यु की भविष्यवाणी सच हुयी
नमस्कार दोस्तों आपका स्वागत है एक बार फिर। दोस्तों अयोध्या में एक जाने-माने संत रहते हैं जिन्हें हरिदयाल मिश्र के नाम से जाना जाता है। इन संत ने इंदिरा गांधी और संजय गांधी की मौत से पहले ही उनकी मौत की भविष्यवाणी कर दी थी। इसका मतलब उन्होंने इन लोगों की मौत से पहले ही बता दिया था कि उनकी मृत्यु होने वाली है।
उनकी भविष्यवाणी के बाद जब इंदिरा गांधी और संजय गांधी की मृत्यु हुयी तब संत हरिदयाल मिश्र प्रसिद्ध हो गए और उन्हें पुलिस की पूछताछ से गुजरना पड़ा। इसके अलावा अन्य सरकारी एजेंसियों ने भी उनसे पूछताछ की। संत हरिदयाल मिश्र से कई तरह की पूछताछ की गई जैसे कि कहीं उनका प्रधानमंत्री की मृत्यु में कोई हाथ तो नहीं था लेकिन ऐसा कुछ सामने नहीं आया।
पुलिस ने और सरकारी एजेंसियों ने यह पाया कि संत हरिदयाल मिश्र ने भविष्यवाणी की मदद से ही बताया था कि इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की मृत्यु होने वाली है।
दोस्तों हाल ही में उन संत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में भविष्यवाणी की है . उन्होंने साल 2024 में होने वाले चुनावों के विषय में मोदी जी के बारे में भविष्यवाणी की है। संता जी ने नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी के सितारों को पढ़कर भविष्यवाणी की है कि 2024 के चुनावों में इन दोनों में से प्रधानमंत्री कौन बन सकता है।
संत हरिदयाल की भविष्यवाणी, कौन बनेगा 2024 में प्रधानमंत्री
संत जी के अनुसार राहुल गांधी का वर्तमान समय उतना अच्छा नहीं चल रहा है। राहुल गांधी को इस समय किस्मत का साथ नहीं मिल रहा है। संत जी ने आकाश में गोचर कर रहे ग्रहों की दशा और राहुल गांधी की कुंडली में मौजूद ग्रहों की दशा को देखकर यह बताया है। संत जी के अनुसार राहुल गांधी को इस समय राजनीति में ज्यादा प्रयास नहीं करना चाहिए क्योंकि इस समय उन्हें सफलता मिलने की गुंजाइश बहुत ही कम है।
वही नरेंद्र मोदी की भविष्यवाणी करते हुए उन्होंने कहा है कि नरेंद्र मोदी का समय अच्छा चल रहा है और उनकी कुंडली में मौजूद ग्रहों की दशा बहुत मजबूत है। नरेंद्र मोदी को ना केवल जनता का बल्कि ग्रह नक्षत्रों का भी प्यार प्राप्त है। इस तरह संत जी ने भविष्यवाणी की है कि आने वाले चुनाव में मोदी जी ही प्रधानमंत्री बनेंगे।
उन्होंने बताया है कि इस समय नरेंद्र मोदी के ग्रह बहुत मजबूत हैं इसलिए वे देश और दुनिया भर में एक सफल नेता के रूप में उभर रहे हैं। संत जी ने मोदी जी द्वारा लिए गए कुछ बड़े फैसलों की सराहना भी की है जैसे कि सर्जिकल स्ट्राइक और नोटबंदी
इन्दिरा गाँधी ने कत्ल वाले दिन बुलेट प्रूफ जैकेट क्यों नहीं पहनी थी
इन्दिरा गाँधी ने कत्ल वाले दिन बुलेट प्रूफ जैकेट क्यों नहीं पहनी थी। इन्दिरा गाँधी देश की एक मात्र ऐसी प्रधानमत्री हैं जिनको उनके प्रधानमन्त्री रहते हुए ही कत्ल कर दिया गया। इन्दिरा गाँधी रोज सुबह 6 बजे उठ जाती थीं और योग करती थीं। 31 अक्टूबर 1984 को 9 बजे उनपर गोलियां चलायी गयीं थीं तो आखिर 6 बजे से 9 बजे के बीच में उस दिन क्या हुआ था।
इन्दिरा गाँधी योग करने के बाद ठंडे पानी से नहाती थीं, नहाने के बाद इन्दिरा ये निर्णय करतीं थीं कि आज उन्हें क्या करना है जैसे रैली में जाना है, कैबिनेट मीटिंग में जाना है या और कोई काम करना है।
इन्दिरा गाँधी के गुरु थे धीरेन्द्र ब्रह्मचारी जो पहले नेहरू को योग सिखाते थे और उसके बाद इन्दिरा गाँधी को योग सिखाने लग गए थे। इन्दिरा गाँधी की मौत के बाद राजीव गाँधी ने इनको प्रधानमत्री आवास से बाहर निकाल दिया था। इन्दिरा गांधी ने कत्ल वाले दिन भी योग अभ्यास करके ठंडे पानी से स्नान किया। वह दिन थोड़ा ख़ास था क्यूंकि उस दिन ब्रिटिश अभिनेता पीटर उस्तीनोव इन्दिरा का इंटरव्यू लेने के लिए आने वाले थे।
इंटरव्यू 9:30 बजे होने वाला था। इंटरव्यू का स्थान था इन्दिरा गाँधी का दफ्तर जो उनके घर के ठीक बगल में था। इन्दिरा ने उस दिन नहाने के बाद हमेशा की तरह पहले नास्ता किया। हमेशा की तरह आम नास्ता, कुछ फल, दूध वाली कॉफ़ी और ब्रेड इत्यादि उस दिन भी किया। इसके बाद उनके डॉक्टर कृष्ण प्रसाद माथुर उनके हेल्थ चेकउप के लिए आये। हमेशा की तरह डॉक्टर ने इन्दिरा को स्वस्थ पाया। डॉक्टर माथुर रोज इन्दिरा के हेल्थ चेकउप के लिए आया करते थे लेकिन इन्दिरा का स्वस्थ काफी अच्छा रहता था। बुढ़ापे में आम तौर पर होने वाली बीमारयों से वे कोसों दूर थीं।
डॉक्टर माथुर ने उस दिन इन्दिरा से मशहूर अमरीकन पत्रिका टाइम्स में प्रकाशित एक लेख के बारे में चर्चा की। डॉक्टर माथुर ने कहा कि टाइम्स में प्रकशित एक लेख के अनुसार रोनाल्ड रीगन ( अमेरिका के उस समय के राष्ट्रपति ) इंटरव्यू के पहले मेकअप से परहेज करते हैं। इन्दिरा उस समय मेकअप करवा रहीं थी। इन्दिरा ने कहा कि पत्रिका में झूठ लिखा है।
रोनाल्ड रीगन मेकअप भी करवाते हैं और कान में एअर प्लग भी लगा कर रखते हैं जिसके जरिये बैकरूम में मौजूद उनके सहयोगी उन्हें मुश्किल सवालों के जवाब सुझाते हैं।
मेकअप के बाद इन्दिरा पैदल ही दफ्तर के लिए निकलीं क्यूंकि इंटरव्यू का समय हो चुका था। उनके घर और दफ्तर के बीच सिर्फ एक गली ही थी जिसे उनको पार करना था। इन्दिरा के पीछे दिल्ली पुलिस का एक हवलदार छाता लेकर चल रहा था। उसके कुछ पीछे इन्दिरा के निजी सचिव आर के धवन । आर के धवन के ठीक पीछे दो लोग और थे जो थे एक चपरासी और एक दरोगा।
इन्दिरा दफ्तर के फास पहुंची ही थीं की सामने से दरोगा बेअंत सिंह आ गया। बेअंत सिंह पिछले 9 साल से इन्दिरा की सुरक्षा अमले का हिस्सा था। कई बार विदेश भी जा चूका था। कुछ समय पहले उसे रिसर्च एंड एनालिसिस विंग के पहले प्रमुख और संस्थापक रामेश्वर नाथ काव के कहने पर प्रधामंत्री की सुरक्षा से हटा दिया गया था।
बेअंत सिंह ने इन्दिरा को पत्र लिखा और उन्होंने उसके ट्रांसफर आर्डर रद्द करा दिए। इन्दिरा ने कहा कि उन्हें अपने सिख सुरक्षा कर्मी पर पूरा भरोसा है। भरोसे की बात आम थी क्यूंकि कुछ समय पहले ही ऑपरेशन ब्लू स्टार संचालित किया गया था।
इन्दिरा बेअंत सिंह को देखकर समझ गयीं कि अब सरदार नमस्कार करेंगे इसलिए उन्होंने पहले ही बेअंत सिंह को नमस्कार किया। बेअंत सिंह ने लौटकर नमस्कार नहीं किया बल्कि उनपर सर्विस रिवाल्वर तान दी। इन्दिरा को लगभग एक या आधे सेकंड का समय मिला होगा जिसके बाद बेअंत सिंह ने उनपर 5 गोलियां चला दीं।
इन्दिरा जमीन पर गिर पड़ीं तब तक एक और सुरक्षा कर्मी सतवंत सिंह वहां आया और उसने अपनी कार्बाइन बंदूक इन्दिरा पर तान दी। उसके हाथ कांप रहे थे लेकिन तभी बेअंत सिंह चिल्लाया कि चला गोली। सतवंत सिंह ने मैगज़ीन में मौजूद 25 गोलियां जमीन के ऊपर पड़ी इन्दिरा पर चला दीं।
उस दिन इन्दिरा ने बुलेट प्रूफ जैकेट नहीं पहनी थी। सायद उन्हें लगा हो कि बुलेट प्रूफ जैकेट में वे कैमरा के सामने अच्छी नहीं दिखेंगी। उन्हें लगा होगा कि कोनसा कोई दूर जाना है। उन्हें लगा होगा कि अपने भरोसेमंद सुरक्षाकर्मियों के बीच वे पूरी तरह से सुरक्षित हैं। इन्दिरा गाँधी को सोनिया गाँधी और धवन AIIMS लेकर गए।
इन्दिरा का ब्लड ग्रुप ओ नेगेटिव था। लोगों से अपील की गयी और कुछ ही समय में ब्लड देने इतने लोग आ गये कि अस्पताल के गेट बंद करने पड़ गए लेकिन इन्दिरा को बचाया नहीं जा सका।
बेअंत सिंह ने गोलियां चलाने के बाद अपनी बंदूक फेक दी और भारत तिब्बत सीमा पुलिस के जवानों ने उसे गिरफ़्तार कर लिया। बेअंत ने हथियार छीनने और भागने की कोशिस की और हाथापाई में उसे गोली लग गयी और मौके पर ही उसकी मौत हो गयी।
सतवंत सिंह और केहर सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया। केहर सिंह को कुछ समय बाद हत्या की साजिश करने के जुर्म में गिरफ्तार किया गया था। सतवंत सिंह और केहर सिंह दोनों को ही तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गयी।
इस लेख के जयादार हिस्से मशहूर पत्रकार सागरिका घोष की किताब Indira: India’s Most Powerful Prime Minister से प्रेरित हैं।