बेटी की शादी किस घर में करना चाहिए ?

बेटी की शादी

इस पोस्ट में बात करेंगे बेटी की शादी किस घर में करनी चाहिए । मित्र, स्वागत है आपका getgyaan पर । मित्र वे लोग होते हैं जो आपकी जरूरत के समय आपके लिए साथ होते हैं, चाहे वह अच्छे समय के दौरान हो या बुरे । वे समर्थन, प्रोत्साहन और रोने के लिए एक कंधा प्रदान करते हैं । मित्र वे हैं जिन पर आप भरोसा कर सकते हैं, और वे जीवन में अमूल्य हैं ।

हालांकि सनातन धर्म में यह माना जाता है कि जिस घर में बेटी का जन्म होता है वह स्वयं लक्ष्मी जी का घर होता है, जैसे-जैसे बेटियां बड़ी होती जाती हैं, माता-पिता अपनी बेटियों के भविष्य की चिंता करने लगते हैं और उम्मीद करते हैं कि उन्हें एक अच्छा जीवनसाथी मिलेगा । आज के समाज में धनवान लड़के को अक्सर एक अच्छे और आदर्श पुरुष के रूप में देखा जाता है । कई माता-पिता लड़के के चरित्र को जाने बिना अपनी बेटियों की शादी एक धनी व्यक्ति से करना चुनते हैं ।

हो सकता है कि शादी आज पहले की तरह सफल न हो, और उसका कोई भी कारण भी हो सकता है । तो दोस्तों आज हम आपको इस लेख के माध्यम से यही बताने जा रहे हैं कि किसी पिता को अपनी बेटी की शादी किस घर में करना चाहिए? लड़कियों के माता-पिता, आप सोच रहे होंगे कि आपकी बेटी को एक अच्छा आदमी मिलना चाहिए जो उसकी देखभाल करे और उसे परेशान न करे । कन्या का विवाह कन्यादान का कार्य है । इस संबंध में पिताजी और दादाजी का बहुत महत्व है ।

हर माता-पिता के लिए, उनकी बेटी एक महत्वपूर्ण व्यक्ति होती है । यह सुनिश्चित करने के लिए कि उनकी बेटी की शादी किसी अपात्र व्यक्ति से नहीं हुई है, यह अनुशंसा की जाती है कि कोई भी माता-पिता अपनी बेटी की शादी किसी ऐसे व्यक्ति से न करवाएं जो घर से ज्यादा दूर या ज्यादा निकट हो । यह संभावित रूप से उसके लिए परेशानी का कारण बन सकता है ।

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लड़का आर्थिक रूप से सुरक्षित होना चाहिए

ये पुरानी कहावतें बताती हैं कि आपकी बेटी की शादी करने के लिए जरूरी नहीं है कि लड़का आपसे ज्यादा अमीर हो पर आपसे गरीब न हो । ऐसा इसलिए है क्योंकि गरीब घर में जाने पर महिला हमेशा पीड़ित होती है । यह एक आम धारणा है कि जो व्यक्ति खुद का खर्च नहीं उठा सकता है उसे शादी नहीं करनी चाहिए, क्योंकि वह उसकी पत्नी और बच्चों पर बोझ होगा ।

इसलिए, यह सुनिश्चित करने के लिए कि वह परिवार पर बोझ नहीं पड़ेगा, एक आदमी के पास जीविकोपार्जन का एक तरीका होना जरूरी है । यदि आप किसी ऐसे व्यक्ति से शादी करते हैं जो बेरोजगार है, तो आपकी बेटी का जीवन दर्द से भरा होगा । इस दुनिया में बहुत से लोग ऐसा व्यवहार करते हैं जिससे दूसरों को छोटा महसूस होने लगता है ।

वे ऐसा व्यवहार करते हैं जैसे वे दूसरों से बेहतर हैं, या वे हमेशा किसी न किसी बात को लेकर चिंतित रहते हैं । ऐसे लोगों से भी बेटी की शादी नहीं करनी चाहिए जो अपने आपको श्रेष्ठ बताने की कोशिस करते हैं ।

बेटी की शादी करने से पहले कुंडली मिलान करना चाहिए

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिन लोगों के गुण अठारह से कम मिलते हैं उनका वैवाहिक जीवन सफल नहीं रहता है । ऐसी दंपत्ति को अपने वैवाहिक जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पडता है । लोग प्रेम विवाह में कुल, या फिर गुणों के बारे में नहीं सोचते हैं जिससे विवाह के कुछ समय बाद वर और वधू के बीच मतभेद या फिर झगड़ा हो जाता है ।

ऐसे में उनका वैवाहिक जीवन भी बर्बाद हो जाता है और कुछ मामलों में तो दंपत्ति अलग भी हो जाते हैं । यही कारण है कि सभी बड़े बुजुर्ग कुंडली मिलने के बाद ही शादी करने का परामर्श देते हैं । अब मित्रों आपने ये भी देखा होगा कि कई बार कुंडली मिलने के बावजूद भी शादी के रिश्ते टूट जाते हैं । अब धर्म शास्त्रों की माने तो ऐसे में वर और वधु की कुंडली के ग्रह ही जिम्मेदार होते हैं ।

कुंडली में छत्तीश गुण होते हैं, अब अगर लड़के और लड़की के छत्तीश गुण मिलते हैं तो यह सबसे बेहतर माना जाता है । छत्तीश गुण मिल पाना संभव नहीं होता इसलिए किसी ज्योतिष से कुंडलियों का मिलान करके ही शादी सुनिश्चित करनी चाहिए ।

किसी ऐसे घर में बेटी की शादी नहीं करनी चाहिए जिनके घर का इतिहास कोर्ट कचहरी से जुड़ा हो, मतलब उस घर के सदस्यों पर काफी मुकदमें चल चुके हों । भले ही परिवार उतना अमीर न हो लेकिन चरित्र का साफ़ होना चाहिए । साथ ही जिस घर में बेटी की शादी करने जा रहे हों उस घर की सामाजिक प्रठिस्ता भी देखनी चाहिए ।

बेटी की शादी जिस घर में करना चाहते हैं वह समाज में प्रतिष्ठित होना चाहिए

एक सम्मानित परिवार में रिश्ता टूटने के ज्यादा अवसर नहीं आते । वहीँ जिस परिवार की समाज में प्रतिस्ठा नहीं होती उन्हें लोक लाज का भय नहीं रहता और अक्सर ऐसे परिवारों में थोड़े से ही मतभेद के कारन रिश्ते टूटते हुए देखे जाते हैं । लड़के की उम्र का भी ध्यान रखा जाना चाहिए, लड़के की उम्र अध्कि से तीन चार वर्ष अधिक हो तो अच्छा रहता है ।

यह भी देखना चाहिए कि लड़के के माता पिता का स्वभाव केसा है अगर परिवार एक संयुक्त परिवार है । अगर लड़का अपने माता पिता से अलग कहीं रहकर नौकरी करता है तब माता पिता का स्वभाव देखने की ज्यादा जरूरत नहीं ।

एक बात और जो ध्यान देनी चाहिए वो यह है कि किसी के कहने पर बेटी का विवाह किसी जगह नहीं करना चाहिए । अगर आपके सेज सम्बन्धी भी आपको किसी घर की सलाह दें तो उसे पहले खुद जाकर देखना चाहिए तभी आगे बात करने के बारे में सोचना चाहिए ।

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