बच्चो को पाप क्यों नहीं लगता जानें एक कथा के माध्यम से

दोस्तों, बच्चो को पाप क्यों नहीं लगता इसके पीछे एक पौराणिक कथा है जिसे हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से बताने जा रहे हैं । एक बार की बात है माण्डव्य मुनि ने यमराज को दासी पुत्र बनने का श्राप दिया और तभी से यह नियम भी लागू किया गया कि बच्चों को कोई भी पाप नहीं लगेगा । इस कथा के अनुसार 14 साल से कम उम्र के बच्चों को पाप नहीं लगता । शास्त्रों में इसे 14 साल बताया गया है और कहीं कहीं 5 साल भी बताया गया है ।

बच्चो को पाप क्यों नहीं लगता – एक कथा

दोस्तों, बच्चो को पाप क्यों नहीं लगता इसके पीछे एक पौराणिक कथा मौजूद है । एक बार की बात हैं मांडव्य मुनि अपनी कुटिया में तप्पस्या कर रहे थे । मांडव्य मुनि अपनी तपस्या में इतने लीन थे कि उनके आस पास क्या हो रहा है उन्हें पता ही नहीं था । एक दिन क्या हुआ कि कुछ चोर राजा के यहाँ से कुछ चीजें चुरा कर ले गए । चोरी करने के बाद वह चोर राजा को दिख गए और राजा के सैनिक उन चोरों का पीछा करने लगे ।

अपनी जान बचाने के लिए वो चोर मांडव्य मुनि की कुटिया में जाकर छुप गए । चोरों ने चोरी का सारा सामान मांडव्य मुनि की कुटिया में छिपा दिया जब वो तपस्या कर रहे थे । तपस्या में लीन मांडव्य मुनि को कुछ भी पता नहीं चल पाया । जब राजा के सैनिकों को पता चला कि चोर मांडव्य मुनि की कुटिया में हैं तो वे वहां पहुँच गए और चोरो को गिरफ्तार कर लिया । सारा चोरी का सामान कुटिया में बरामद किया गया ।

राजा के सैनिकों को लगा कि मांडव्य मुनि ने जान-बूझ कर चोरों को अपने आश्रम में छिपाया था । अब गलत का साथ देने वाला भी गलत ही होता है और इसी नियम को ध्यान में रखकर राजा के सैनिकों ने मांडव्य मुनि को भी गिरफ्तार कर लिया । जब मांडव्य मुनि और चोरों को राजा के सामने न्याय के लिए उपस्थित किया गया तो राजा ने सबको सूली पर चढ़ा देने की सजा सुनाई ।

राजा का आदेश पाकर सैनिकों ने ऐसा ही किया । मांडव्य मुनि ने राजा से कुछ नहीं कहा क्यूंकि वो जानते थे कि मनुष्य को जो भी दुःख मिलते हैं वह उसके अपने पापों के कारण ही मिलते हैं । जब चोरों को सूली पर चढ़ाया गया तो वे सब तुरंत ही मर गए । लेकिन मांडव्य मुनि तो तपस्वी थे इसलिए वे जिंदा बच गए ।

जब राजा के सैनिकों ने देखा कि मांडव्य मुनि सूली पर चढ़ाने के बाद भी नहीं मरे तो उन्होंने राजा को यह वृतांत बताया । राजा को लगा कि उससे बड़ी भारी भूल हो गयी है और उसने निर्दोष को सजा सुना दी है । राजा यह सोचकर डर गया कि ऋषि उसे अब कोई श्राप जरूर देंगे और वह अपना राज पाट खो देगा ।

राजा भागता हुआ मांडव्य मुनि के पास गया और उनसे क्षमा मांगने लगा । मांडव्य मुनि ने राजा को तुरंत ही क्षमा कर दिया क्यूंकि वह बहुत बड़े ज्ञानी थे और जानते थे कि राजा की इसमें कोई गलती नहीं थी, वह उनके पाप ही थे जिनकी वजह से यह सब हुआ ।

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राजा ने सैनिकों से मांडव्य मुनि में घुसा हुआ सूल निकाल देने को कहा लेकिन राजा के सैनिक सूल को नहीं निकाल पाए । मांडव्य मुनि को बहुत दुःख हुआ और आधा शूल उनके अंदर ही फसा हुआ रह गया । मांडव्य मुनि ने सोचा कि क्यों न यमराज से पूछा जाए कि आखिर उन्हें किस पाप की सजा दी गयी थी ।

ऐसा सोचकर वह यमराज जी के पास पहुंचे । मांडव्य मुनि और यमराज बहुत ही अच्छे दोस्त हुआ करते थे इसलिए यमराज ने मांडव्य मुनि का स्वागत किया । स्वागत सत्कार के बाद दोनों में बहुत सारी बात चीत होती रही ।

इसी बीच मांडव्य मुनि ने यमराज से पूछ लिया कि उन्हें किस पाप के कारण सूली पर चढ़ाया गया था । यमराज जी ने माण्डव्य मुनि से कहा कि जब वो छोटे थे तो एक बार उन्होंने एक कीड़े को लड़की से छेद कर मार दिया था । इसी पाप के फलस्वरूप उन्हें सूली पर चढ़ाया गया ।

इतना सुनकर मांडव्य मुनि आग बबूला हो गए और यमराज के द्वारा किए गए इस निर्णय को उन्होंने गलत ठहराया । मांडव्य मुनि ने कहा कि बचपन में सही और पहचान किसी को नहीं होती इसलिए बचपन में किया गया पाप इतनी बड़ी सजा के लिए जिम्मेदार नहीं हो सकता । मांडव्य मुनि ने बताया यहाँ पर बताया कि बच्चो को पाप क्यों नहीं लगता । बच्चो को पाप क्यों नहीं लगता इस पर माण्डव्य मुनि का कहना है कि क्यूंकि बच्चों को सही एयर गलत की समझ नहीं होती इसलिए बच्चो को पाप नहीं लगता ।

मांडव्य मुनि ने कहा कि यमराज के निर्णय में चूक हुयी है इसलिए उन्हें आगे से किसी के साथ न्याय करने का अधिकार नहीं । मांडव्य मुनि ने श्राप दिया कि यमराज को एक दासी के पुत्र के रूप में पृथ्वी पर जन्म लेना पड़ेगा । यमराज ने महाभारत काल में महात्मा विदुर के रूप में जन्म लिया जो भगवान कृष्ण के महान भक्त थे ।

मांडव्य मुनि ने बताया बच्चो को पाप क्यों नहीं लगता

मांडव्य मुनि ने तभी से यह नियम लागू किया कि 14 साल से कम उम्र में किये गए पाप की सजा किसी भी व्यक्ति को नहीं मिलेगी । तो आज के लिए बस इतना ही । इस कथा के माध्यम से आप जान गए होंगे कि बच्चों को पाप क्यों नहीं लगता । दोस्तों हमारी वेबसाइट पर ऐसी ही धार्मिक और ज्ञानवर्धक जानकारी दी जाती है । हमारी अगली पोस्ट कब अपलोड होगी इसकी जानकरी आपको मिल सके इसलिए हमने व्हाट्सप्प ग्रुप बनाकर रखे हैं । आपसे दरख्वास्त है कि अगली पोस्ट की जानकारी पाने के लिए ग्रुप ज्वाइन करें । ग्रुप ज्वाइन करने के लिए यहाँ क्लिक करें – Join Whatsapp Group। पोस्ट पसंद आयी हो तो कृपया इसे शेयर जरूर करें । अंत तक बने रहने के लिए आपका शुक्रिया ।

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