अकाल मौत क्यों होती है, मृत्यु से पहले मिलने वाले संकेत

दोस्तों, क्या आप जानते हैं कि अकाल मौत क्यों होती है। गरुड़ पुराण में मृत्यु के बाद होने वाली घटनाएं और मृत्यु से पहले मिलने वाले संकेतों के बारे में बताया गया है।

अकाल मौत क्यों होती है, मृत्यु से पहले मिलने वाले संकेत

पहला संकेत भगवान विष्णु ने बताया है कि जब इंसान की मृत्यु निकट आती है तो उसकी परछाई उसका साथ छोड़ देती है। ऐसे मनुष्य को पानी में अपनी परछाई दिखाई नहीं देती।

जब भी किसी मनुष्य की मृत्यु निकट आती है तो उसे अपने पूर्वजों का आभास होने लगता है। जब भी मनुष्य की मृत्यु निकट आती है तो उसके शरीर से एक अजीब सी गंध आने लगती है, ऐसे में उसे समझ जाना चाहिए कि मृत्यु अब निकट आ छुई है।

जब भी किसी मनुष्य को आईने में अपना चेहरा दिखाई ना दे तो उसे समझ जाना चहिए कि उसकी मृत्यु अब निकट आ चुकी है। जब इंसान की मृत्यु निकट आती है तो उसे सूर्य और चन्द्रमा की रौशनी दिखनी बंद हो जाती है। मृत्यु से पहले मनुष्य की जीभ ऐंठ जजाती है और उसकी आंखों की रौशनी जाने लगती है।

जिस व्यक्ति ने पुण्य किये हुए होते हैं वह मृत्यु के समय नहीं डरता लेकिन जिसने पाप कर्म किये हैं वह मृत्यु के समय डर जाता है और उसे मृत्यु के समय भयंकर यमदूत दिखाई देने लगते हैं।

अकाल मृत्यु क्यों होती है

एक बार गरुड़ जी भगवान विष्णु से पूंछते हैं कि ब्रह्मा जी ने मनुष्य को एक निश्चित आयु प्रदान की है फिर ऐसा क्यों होता है कि कुछ लोगों की मृत्यु अति शीघ्र हो जाती है।

ऐसे कौन से कारण हैं जिनके कारण मनुष्य की मृत्यु जल्दी हो जाती है और वह अपनी आयु पूरी जी पाता। अकाल मृत्यु से पहले मनुष्य को कौन से संकेत मिलते हैं।

भगवान विष्णु कहते हैं कि जो भी इस पृथ्वी पर जन्म लेता है उसकी मृत्यु निश्चित होती है। भगवान कहते हैं कि अगर कोई व्यक्ति पाप कर्म करने लगता है तो उसकी मृत्यु 100 वर्षों से पहले ही हो जाती है। भगवान कहते हैं कि अगर कोई व्यक्ति पाप कर्म करता है तो उसकी आयु कम हो जाती है।

अगर कोई व्यक्ति किसी पापी के घर जाकर भोजन करता है तो उसकी मति भ्रमित हो जाती है। मति भ्रमित हो जाने के कारण वह व्यक्ति पाप कर्म करने लगता है और पाप कर्म करने के कारण उसकी आयु कम हो जाती है। और इसलिए हमें कभी पापियों के घर जाकर भोजन नहीं करना चाहिए।

इसके बाद भगवान दूसरा कारण अकाल मृत्यु का बताते हैं दूसरे की पत्नी के साथ सम्बन्ध बनाना। जो व्यक्ति किसी दूसरे की पत्नी के साथ सम्बन्ध बनाता है या किसी व्यभिचारिणी स्त्री के साथ सम्बन्ध बनाता है उसकी आयु कम हो जाती है।

तीसरा कारण भगवान बताते हैं कि जो व्यक्ति अपने कार्य को छोड़कर पाप के कार्य में प्रवत्त होता है उसकी मृत्यु भी समय से पहले ही हो जाती है।

कौन से कार्य आयु कम कर देते हैं

इसके अलावा शास्त्रों में कुछ कार्य बताये गए हैं जिनके करने से आयु काम हो जाती है। वे कार्य हैं अपनी पत्नी के अलावा किसी और स्त्री से सम्बन्ध बनाना। इसके अलावा शास्त्रों में बताया गया है कि जो व्यक्ति अपनी पत्नी के अलावा किसी और से सम्बन्ध बनाता है उसे उतने साल तक नरक में रहना पड़ता है जितने उसकी पत्नी के शरीर पर बाल होते हैं।

दूसरा कारण बताया गया है कि अगर कोई व्यक्ति उत्तर दिशा या पश्चिम दिशा की ओर सिर करके सोता है तो उसकी भी आयु कम हो जाती है। इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति नास्तिक से वाद विवाद करता है तो उससे भी सायु कम हो जाती है। अगर कोई व्यक्ति निर्वस्त होकर सोता है तो उसकी भी आयु कम हो जाती है।

एक कारण बताया गया है कि खड़े होकर मूत्र विसर्जन करना। जब व्यक्ति खड़े होकर मूत्र विषर्जन करता है वह तो वह अच्छी तरह से नहीं हो पाता और इससे शरीर असुद्ध हो जाता है और असुद्ध शरीर होने के कारण आयु कम हो जाती है। शास्त्रों में बताया गया है कि हमें बैठकर ही मूत्र विषर्जन करना चाहिए।

इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति घर पे आये अतिथियों की अत्यधिक मेहमाननवाज़ी करता है तो उसकी आयु भी कम हो जाती है। इसके अलावा दिन के समय में नहीं सोना चाहिए। अगर किसी परस्थिति में सोना पड़े तो कम समय के लिए ही सोना चाहिए जैसे कि लगभग 1 मुहूर्त यानि 24 मिनट। दिन में ज्यादा समय तक सोने की वजह से भी आयु कम हो जाती है।

सुख और दुख दोनों ही बंधन में कैसे डालते हैं