लालच
शास्त्रों में बताया गया है कि ब्राह्मण को कभी स्वान वृत्ति से नहीं जीना चाहिए यानी लालच नहीं करना चाहिए । स्वान का मतलब होता है कुत्ता । शास्त्रों में कुत्ता पालने के लिए भी मना किया गया है । इसी तरह शास्त्रों में बताया गया है कि प्राण भले चले जाएं लेकिन साधु को कभी स्वान वृत्ति से निर्वाह नहीं करना चाहिए ।
शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि आपके प्रारब्ध में जो है उसे कोई छीन नहीं सकता और जो आपके प्रारब्ध में नहीं है उसे कोई आपको दे नहीं सकता । प्रहलाद महाराज भागवत में कहते हैं कि जिस तरह बिना प्रयास किए प्रारब्ध से दुख मिलता है उसी तरह आपके भाग्य में जो सुख है वो भी बिना प्रयास के ही मिलेगा ।
यह बात आज के समय में मानना कठिन है । लोग सोचते हैं कि हमें वहीं मिलेगा जो हम अपने प्रयास से प्राप्त करेंगे । प्रयास करने के लिए शास्त्र में माना नहीं किया गया । शास्त्रों में बताया गया है कि लालच से मनुष्य को बचना चाहिए । क्योंकि आपको वह नहीं मिल सकता जो आपके प्रारब्ध में नहीं इसलिए लालच करने से क्या लाभ ।
इसी तरह जो प्रारब्ध से प्राप्त हो उसी में संतुष्ट रहना चाहिए । जो व्यक्ति लालची होता है उसे संसार के लोग भी पसंद नहीं करते और भगवान भी नहीं । कर आप अपने किसी खास दोस्त से मांगना शुरू कर दें तो एक दो बार भले ही वो दे देवे लेकिन इसके बाद उसे आप पसंद नहीं आएंगे ।
भगवान ही सबका पालन करते हैं
रामायण में भगवान श्री राम कहते हैं कि वे सभी जीवों का पालन करने वाले हैं । एक बार भगवान श्री राम ने लक्ष्मण जी से कहा कि पास में पड़ा एक पत्थर उठाओ । लक्ष्मण जी ने वही पत्थर उठा लिया जिसकी ओर प्रभु श्री राम ने इशारा किया था । इसके बाद प्रभु राम ने कहा कि उस पत्थर तो तोड़ दो । लक्ष्मण जी ने ऐसा ही किया ओर उसके अंदर से एक कीड़ा निकला ।
भगवान श्री राम ने लक्ष्मण जी से कहा कि उस कीड़े का भी पालन श्री राम करते हैं । भगवान श्रष्टि के निर्माता, पालन करता ओर संहारक हैं । भगवान के बारे में शास्त्रों में कहा गया है कि भगवान 6 ईश्वर्यों से युक्त हैं । भगवान इस तरह पूर्ण हैं कि अगर पूर्ण में से पूर्ण भी निकाला जाए तो पूर्ण ही शेष बचेगा ।
संसार में ऐसा नहीं होता । अगर किसी के पास 1 करोड़ रुपए हैं और उससे एक करोड़ ले लिया जाए तो उसके पास कुछ भी शेष नहीं बचेगा । लेकिन शास्त्रों में बताया गया है कि भगवान अचिंत्य हैं इसलिए हमें शास्त्रों की यह बात मान लेनी चाहिए कि भगवान ही सबका पालन करते हैं ।
जो यह जानते हैं वो किसी से कुछ नहीं मांगते यहां तक कि वे भगवान से भी कुछ नहीं मांगते । इस तरह का विश्वास होने के कारण व्यक्ति लालच से छूट जाता है ।
बहुत सुन्दर
अतिसुंदर