लव कुश कांड – राम जी के बाद लव और कुश ने क्या किया

लव की वंशावली

लव कुश कांड में हम लव और कुश की लीला के विषय में चर्चा करेंगे l रामायण के 7 कांडों में लव कुश कांड का वर्णन नहीं है लेकिन हम लव कुश लीला के वर्णन को लव कुश कांड नाम दे रहे हैं । राम जी ने पृथ्वी से जाने से पहले लव और कुश को राजा बना दिया । भगवान राम के जाने के बाद ही त्रेता युग समाम्प्त हो गया और द्वापर युग की शुरुआत हुयी ।

राम जी ने पृथ्वी से जाने से पहले लव को उत्तर कौशल का राजा बना दिया और कुश को दक्षिण का । लव कुश कांड में लव ने लवपुरी नाम का एक नगर बनाया जो वर्तमान में पकिस्तान का लाहौर है । यहाँ पर आज भी एक किले में लव का मंदिर बना हुआ है ।

लव के वंशज बाद में गुजरात गए और राजस्थान के मेवाड़ में बस गए जहाँ उन्होंने सिसोदिया राज्य की स्थापना की । लव से राघव राजपूतों का जन्म भी हुआ और सिसदोईया राजपूत इसकी दूसरी साखा थी जिसमे गहलोत वंश के राजा हुए ।

लव कुश कांड, कुश की वंशावली

कुश ने कुशावती नगर की स्थापना की जो वर्तमान में छत्तीसगढ़ का बिलासपुर जिला है । लव कुश कांड में कुश ने एक नागकन्या से विवाह किया और अपने राज्य का विस्तार भी किया । इसके अलावा कुश से कुशवाहा राजपूत, मौर्य, साक्य सम्प्रदाय की उत्त्पत्ति कुश के वंश से ही हुयी । कुश की मृत्यु एक असुर से युद्ध करते वक्त हो गयी ।

लव और कुश में से केवल कुश के वंश की ही वंशावली देखने को मिलती है । कुश की पचासवीं पीड़ी के राजा वृहद्द्वल हैं जो महाभारत काल में अभिनन्यु से लड़ते हुए मारे गए । वे महराभरात में कौरवों की और से लाडे थे और चक्रव्यूह में अभिमन्यु ने उनको मार दिया था । कहा जाता है कि कुश के वंश में शल्य भी हुए जिनकी बहिन माद्री थी जिनके पुत्र महाभारत काल के नकुल और सहदेव थे । तो आपने जाना कि लव और कुश के वंशज महाभारत काल में भी थे और भगवान गौतम बुद्ध भी प्रभु श्री राम के वंशज ही थे ।

पुराणों में वृहद्द्वल की वंशावली का वर्णन भी मिलता है जिसमे राजा सिद्धार्थ यानि गौतम बुद्ध भी हुए । इसका मतलब है भगवान गौतम बुद्ध भी राम भगवान के वंश में ही आये वंशज ही थे । सूर्यवंश के अंतिम वंशज राजा सुमित्र थे जिनको नन्द वंश के संथापक महापद्मनंद ने हरा कर नन्द वंश की स्थापना की थी ।

लक्ष्मण और शत्रुघ्न का वंश

बहुत कम लोग हे जानते हैं की राम जी के जाने के बाद राम जी के वंश का काया हुआ । माता सीता ने वन में लव और कुश को जन्म दिया । लव और कुश का बचपन वाल्मीकि आश्रम में बीता था । अस्वमेद्य यज्ञ के समय यह सबको पता चल गया कि लव और कुश भगवान राम के ही पुत्र हैं । जब सीता माता धरती में समा गयीं तो कुछ समय बाद धर्मराज ने प्रभु श्री राम से कहा कि उनका अपने धाम लौटने का वक्त हो गया है ।

प्रभु श्री राम ने भरत को राजा बनाना चाहा लेकिन वे नहीं माने । इसी तरह लक्ष्मण और शत्रुघन ने भी अयोध्या का राजा बनने से माना कर दिया । इसके बाद राम जी ने सभी भाईओं के बेटों को विभिन्न राज्यों का राजा बना दिया । लक्ष्मण के बेटे अंगद और चंद्रकेतु ने कुरुपद और चद्रकांति नाम के राज्य स्थापित किये । शत्रुघ्न के बेटे सुबाहु और शत्रुगति मथुरा और विधिसा के राजा बने ।

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